दिल से उन्हें पुकारो आएंगे वो ज़रूर,
आएंगे वो ज़रूर आएंगे वो ज़रूर,
प्रेम का प्रेमी देखकर आएंगे वो हुज़ूर
दिल दिल से उन्हें पुकारो दिल दिल से उन्हें पुकारो
फागुन में मेला लगता ग्यारस पे भीड़ है भारी,
जाके जो देखता इकबार मिल जाते श्याम बिहारी,
कितनों की बात बनी है अब तो है अपनी बारी,
लगे जब इत्र का छींटा भूल जाए दुनियाँ दारी,
मौज भी होगी जरुर मौज भी होगी जरुर
मोरछड़ी के झाड़े से टूटे सारा गरूर,
दिल दिल से उन्हें पुकारो आएंगे वो ज़रूर,
खाटू का रस्ता प्यारा रास्ता कोई आम नहीं है,
ऐसी कोई शह नहीं है जिसमे श्री श्याम नहीं है,
रिंगस से धजा उठा ले श्याम का नाम लिखा ले,
श्याम बाबा के दिल में अपनी तू जगह बना ले,
सोचो नहीं हुजूर सोचो नहीं हुजूर
जो भी धजा चढ़ाएगा जो भी धजा चढ़ाएगा,
होगी मदद जरूर होगी मदद जरूर,
दिल से उन्हें पुकारो दिल से उन्हें पुकारो,
आएंगे वो ज़रूर आएंगे वो ज़रूर,
दिल से उन्हें पुकारो आएंगे वो ज़रूर
श्याम प्रेम का मतलब भगत कोई आम नहीं है,
श्याम के जैसा जग में कोई भगवान् नहीं है,
मुसीबत कैसी भी हो सुबह से शाम पुकारे,
श्याम खुद जीत दिलाएं भगत कोई कहीं भी हारे,
श्याम खुद जीत दिलाएं श्याम खुद जीत दिलाएं
डरना नहीं हुज़ूर डरना नहीं हुज़ूर,
हारा हुआ हो कितना भी,
हारा हुआ हो कितना भी होगी मदद ज़रूर,
दिल से दिल से उन्हें पुकारो आएंगे वो ज़रूर,
दिल से उन्हें पुकारो आएंगे वो ज़रूर,
प्रेम का प्रेमी देखकर आएंगे वो हुज़ूर
दिल दिल से उन्हें पुकारो