जरा रुक के, जरा झुक के जरा घट के,
चलो साथी होले होले चलो सागे सागे ,
श्याम को निशान खाटू चले सागे,
जरा रुक के.......
साल साल में आवे माहरे फागण को तोहार,
नेयो नेयो सो लागे माहने बाबा हर बार,
ये तो झूम झूम के चले संगत सागे,
श्याम को निशान खाटू चले सागे,
रंग बिरंगो तरह तरह को हाथ में निशान,
गोटा जरी किनारी लागि झूमे आसमान,
माहरे संगड़े में जोर सो जयकारो लागे,
श्याम को निशान खाटू चले सागे,
बाबो महरो नजर बिछाया भक्ता ने उडीके,
नीलो सो घोड़ियां लेकर चाले सागे मेरे महारो बाबो तो भगता ने घणो प्यारो लागे,
श्याम को निशान खाटू चले सागे,