ओ कान्हा अब तो मुरली की, मधुर सुना दो तान -२
में हूँ तेरी प्रेम दीवानी, मुझको तू पहचान.. मधुर सुना दो तान
ओ कान्हा अब तो मुरली की, मधुर सुना दो तान
जब से तुम संग मैंने अपने, नैना जोड़ लिए हैं
क्या मैया क्या बाबुल सबसे, रिश्ते तोड़ लिए हैं
तेरे मिलन को, व्याकुल हैं, कबसे मेरे प्राण..मधुर सुना दो तान
ओ कान्हा अब तो मुरली की, मधुर सुना दो तान
सागर से भी गहरे मेरे, प्रेम की गहराई
लोक लाज कुल की मर्यादा, तज कर में तो आई
मेरे प्रीत से ओ निर्मोही, अब ना बनो अंजान.. मधुर सुना दो तान
ओ कान्हा अब तो मुरली की, मधुर सुना दो तान -२
में हूँ तेरी प्रेम दीवानी, मुझको तू पहचान.. मधुर सुना दो तान
ओ कान्हा अब तो मुरली की, मधुर सुना दो तान
मधुर सुना दो तान – २