दर तेरे आया साईं राम जग ने सताया साईं राम,
शिर्डी में तूने कुछ दिए थे वचन,
मुझे क्यों भुलाया साईं राम,
जग ने सताया साईं राम,
तू है मेरा दाता सारे जग का विदाता है,
जनता है तू की तेरा मेरा कैसा नाता है,
तेरा दास हो कर बे सहरा मैं बना,
मैंने दिल लगाया साईं राम,
जग ने सताया साईं राम...
चुप क्यों बेठा साईं अब तो कुछ बोल दे,
ताले साईं दिल के अब तू साईं खोल दे,
भक्तो को साईं सिर्फ तेरा आसार,
आस क्यों लगाया साईं राम,
जग ने सताया साईं राम,
झगडा है तेरा मेरा तुझे निपटाना है,
सोई है जो किस्मत साईं आज जगाना है,
तेरा हु सिर्फ साईं तेरा ही रहू,
लगन लगाया साईं राम
जग ने सताया साईं राम,