सच्चे पातशाह मेरी बक्श खता मैं निमाना,
तू बेअंत तेरा अंत ना जाना,
दीन छोड़ दुनि संग लगा,
तेरा नाम ना जपेया भागा,
कोई गन न पल्ले नरक न मैनु झले,
पाप कमाना,
तू बेअंत तेरा अंत ना जाना
दर तेरे सवाली जो आवे मुहो माँगियां मुरादा ओ पावे,
मैं भी आया शरणी मैनु लावो चरनी विर्ध बिशाना,
तू बे अंत तेरा अंत न जाना,
तर गये पापी नाम रट के,
कटी चौरासी नाम जपके,
विसर नाही दातार बक्शो मेरे करतार दर्श दिखाना,
तू बेअंत तेरा अंत ना जाना