पड़या करो पड़या करो बार बार बानी पड़या करो,
सुनिया करो सुनिया करो बार बार बानी सुनिया करो,
ऐ बानी है धुर की बानी,
ऐ बन्देया तेरे नाल है जानी,
सचखंड दा ही देर,बानी सुनिया करो,
अमिरत वेले अमृत वरसे,
बानी नु जद तन मन तरसे,
छड आलस कर इंसान बानी सुनियाँ करो,
क्यों चिंता विच होया छुटे,
आपे करता कारज पुरे,
रूह तों करी पुकार,
बानी सुन्या करो.
Babita सिखिनि
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