क्यों मुझसे न कुछ बोले बस बैठा मुस्काये,
सब जानते भुजी तेरी,तू न बाबा तरस खाये
मेरे दिल में दर्द भरा छुपे कितने अफ़साने,
कोई जाने ना जाने भला तू तो सब कुछ है जाने,
कैसी हालात मेरे क्यों तू देख न पाए,
सब जानते भुजी तेरी,तू न बाबा तरस खाये
लगता था मुझको ये तुम साथ निभाओ गे,
सचाई की राह जो चले उसे राह दिखाओ गे,
मैं भटक गया हु प्रभु जो तू राह ना दिख लाये,
सब जानते भुजी तेरी,तू न बाबा तरस खाये
करुणा निधि हो तुम करुणा बरसाओ ना,
अब और न सेह पाओ दुःख दर्द मिटाओ न,
रूभी रिदम तेरे नादान क्यों तू किरपा न बरसाए,
सब जानते भुजी तेरी,तू न बाबा तरस खाये