चले रे कावड़िया शिव की नगरियाँ,
बम बम बोलते आये कावड़िया,
भोले बेचैन हो गया,
बम भोले का जग फैन हो गया,
नील कंठ पे जाके हम भोले को मनाये गे,
पैरो में शाले जाये फिर भी न गबराए गे,
तेरे बिन मेरा चैन खो गया भोले बिन मेरा चैन खो गया,
बम भोले का जग फैन हो गया,
तन पे बसम लगाये बता गल में सर्पो की माला है,
देव जानो को अमृत दे दियां पी गया विष का प्याला है,
सारा जग हैरान हो गया,
बम भोले का जग फैन हो गया,
रंग चड़ा के भंग चड़ा के मस्त मलंग हो जाये गे,
भोले के कावड़िया सावन की मस्ती में गाये गे,
तेरे भजनों का मुझपे मेन हो गया,
मस्ती में तेरी भोले क्लेम हो गया
बम भोले का जग फैन हो गया,