तीनो लोको में तेरा ही गुणगान हो
कौन है जिसपे तेरा एहसान हो,
तेरी महिमा अमर हे शिव शंकर,
हर युग में तेरी जय जय कार है,
काशी भी तेरी तेरा केदार है,
देख के इसको जब देव गबरा गये,
याद तुम को किया और तुम आगये,
करि सब पे मेहर पी गये खुद ज़हर,
तुमसे दूजा न कोई मदत गार है,
काशी भी तेरी तेरा केदार है,
कोई कण भी नहीं शन भी नहीं,
जो शिव का नहीं जो शिव में नहीं,
जल ने भी है तू थल में भी है तू
तू नीरा कार है साकार है,
काशी भी तेरी तेरा केदार है