और मंज़िल केदारनाथ हो

मेरे हाथ में तेरा हाथ हो,
और मंज़िल केदारनाथ हो,
मेरे हाथ में तेरा हाथ हो,
और मंज़िल केदारनाथ हो……

शिव शून्य है,
शिव पुन्य है,
शिव कर्म है,
शिव धर्म है,
शिव शून्य है,
शिव पुन्य है ,
शिव कर्म है ,
शिव धर्म है……….

जाहा शिव बसे है बर्फ के संग,
मुझे उस नगरी में लेके चल……..

तेरे हाथ में मेरा हाथ हो,
और मंज़िल केदारनाथ हो……..

तेरे हाथ में मेरा हाथ हो,
और मंज़िल केदारनाथ हो…….

शिव अदि है,
शिव अंत है,
शिव मोक्ष है,
शिव प्रेम है……..

शिव अदि है,
शिव अंत है,
शिव मोक्ष है,
शिव प्रेम है…

जहां बादल बसते शिव के संग,
मुझे उस नगरी में लेके चल…….

तेरे हाथ में मेरा हाथ हो,
और मंज़िल केदारनाथ हो………

तेरे हाथ में मेरा हाथ हो,
और मंज़िल केदारनाथ हो………

शिव है दया,
शिव ही क्रिपा…….

शिव है क्षमा,
शिव है धरा……..

शिव है दया,
शिव है क्रिपा………..

शिव है क्षमा,
शिव है धरा……..

जिस दर पे झुकता सब का सर,
मुझे लेकर तू केदार पे चल……

तेरे हाथ में मेरा हाथ हो,
और मंज़िल केदारनाथ हो…………

मेरे हाथ में तेरा हाथ हो,
और मंज़िल केदारनाथ हो……
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