तू ही आधार मेरा दिल से कहता हु एक श्याम है प्यार मेरा,
दर तेरे जो आते है खाली नहीं जाते ऐसा दरबार तेरा,
यहा प्रेम प्यार दिल में तू वही रहता है एक यही है सार तेरा,
क्या मुझको भी हो गए कभी इतनी सी करदे किरपा मुझे दे दीदार तेरा,
इक विनती मेरी तुझसे आ इस महफ़िल में कहे शिव कुमार तेरा
ऐसा वर दे मुझको गाता रहे समीर हरदम गुण गान तेरा,