माँ याद तेरी बड़ी सताती है,
किशोरी करुणा मई राधे,
माँ याद दिन रात रुलंदी है,
किशोरी करुणा मई राधे,
ब्रिज मंडल दी महारानी ऊचे मेहला दी रानी,
तेरी महिमा कैसे गाऊ मैं मूरख और अज्ञानी,
गल कोई मेल ना खांदी है,किशोरी करुणा मई राधे,
माँ याद दिन रात रुलंदी है...
मन वस गई मोहनी मूरत दिखला दो सोहनी सूरत,
मैनु रोग प्रेम दा लगियाँ दर्शन दी बड़ी जरूत,
प्रीत प्रीत दी रीत न औंदी है,
किशोरी करुणा मई राधे,
माँ याद दिन रात रुलंदी है,
मैनु आया रास ठिकाना तेरा दर छड़ के नहीं जाना,
अपना ले दीन मधुक न कर नजर कर्म नजराना,
जुदाई जुदाई हूँ सही न जांदी एह,
किशोरी करुणा मई राधे,
माँ याद दिन रात रुलंदी है,