कान्हा अब साथ निभाओ विपदा है आन बचाओ.
हम सेवक श्याम तुम्हारे हम को न यु बिसराओ,
के आ जाओ तुम्हारा कीर्तन है भगतो का निवेदन है,
तेरे दर्शन के प्यासे मेरे दो नैना चंचल,
तेरी राह तके सांवरियां ये नीर बहारे पल पल,
अब तुम ही इन्हे समजाओ अपना घर इन्हे बनाओ,
हम सेवक श्याम तुम्हारे हम को न यु बिसराओ,
के आ जाओ तुम्हारा कीर्तन है भगतो का निवेदन है,
इस पगल दिल की कान्हा अब क्या मैं तुम्हे बतलाऊ,
नहीं माने दिल दीवाना कैसे दिल को समजाउ,
अब तुम ही इसे समजाओ अपना घर इसे बनाओ,
हम सेवक श्याम तुम्हारे हम को न यु बिसराओ,
के आ जाओ तुम्हारा कीर्तन है भगतो का निवेदन है,
अपने भगतो की खातिर ये क्या क्या खेल रचाते,
कभी नरसिंह रूप दिखते कभी राम रूप में आते,
कीर्तन में कान्हा आये भक्तो ने दर्शन पाए,
तब प्यास भुजी नैनो की हर दिल में श्याम समाये,
आते है श्याम तो आते है दिल से जो भुलाते है,