तेरे नाम से हम जी रहे है,
तेरा साया सवारियां बहुत है,
तेरी एक नजर ही सांवरिया मेरे जीने को ये बहुत है,
गुस्ताखियां मैंने तो श्याम अनजाने में की तो बहुत है,
माफ़ करना है तेरी इनायत दिल तेरा जो बड़ा बहुत है,
यु तो सो बरसो की ज़िंदगानी कहने को तो होती बहुत है,
तेरी मेहर जो हो पल भर भी वो पल ही जीवन का बहुत है,
तेरे नाम से हम जी रहे है,
तेइ चौकठ पे नित नित आ के भगत करते तो विनती बहुत है,
पुकारे जो प्रेम से तुझको एक बूंद ही रस की बहुत है,
तेरे नाम से हम जी रहे है,
मोतियों फूलो की माला तेरे दर पे तो चढ़ती बहुत है,
श्रद्धा से चढ़ा एक फूल तेरे गिरबा के लिए बहुत है,
रुक सांसे निकले जो दम है ऐसे मरने वाले तो बहुत है,
तुझे देख जो खुद को ढाये ऐसे मरने में मजा बहुत है,