कृष्ण गोविन्द गोविन्द, गोपाल नन्दलाल,
कृष्ण गोविन्द गोविन्द, गोपाल नन्दलाल ll
*हे गोपाल नन्दलाल, गोपाल नन्दलाल,
गोपाल नन्दलाल, हे गोपाल नन्दलाल l
कृष्ण गोविन्द गोविन्द, गोपाल नन्दलाल,
कृष्ण गोविन्द गोविन्द, गोपाल नन्दलाल ll
वो बदन मयंक वारो, मोहे धनुवंक वारो l
*वो टेढ़ी सी लंक वारो, रूप उजियारो है l
वो लोचन विशाल वारो, गलमणि माल वारो ll
वो मस्त गज चाल वारो, जग से निहारियो है ll
वो पीत-पट पेट वारो, मधु भरी सेंट वारो l
*वो लाल बलवीर प्यारो, करत नटारियो है l
वो मोर की मुकुट वारो, टेढ़ी सी लकुट वारो ll
वो टेढ़ी टांग वारो कृष्ण, देवता हमारो है l
वो टेढ़ी टांग वारो कृष्ण साहिब हमारो है l
कृष्ण गोविन्द गोविन्द,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,F
भजूँ तो गोपाल इक, सेवूँ तो गोपाल इक l
*हो,,, मेरो मन लगयो सब, भाँती नन्दलाल सो l
मेरे देवी देव गुरू, मात-पिता बन्धु इष्ट ll
हो,,, मित्र सखा नातो सब, इक गोपाल सो ll
हरिशचन्द्र और सोना, कछु सम्बन्ध मेरो l
हो,,, आश्रय सदा इक, लोचन विशाल सो l
जो मांगु तो गोपाल सोना, मांगु तो गोपाल सो ll
जो रिझु तो गोपाल सो, खिझु तो गोपाल सो ll
कृष्ण गोविन्द गोविन्द,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,F
मेरा श्याम मयंक, मन हो चुका है l
*वो जान हो चुका है, जिगर हो चुका है l
ये सच मानिये उसकी, हर इक अदा पर ll
जो भी पास था सब, नजर हो चुका है ll
कृष्ण गोविन्द गोविन्द,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,F
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल