कंस का बन कर काल जन्मे मदनगोपाल,
करने जग का उधार उधार लिए विष्णु जीअवतारअवतार,
बन आये है मुरली वाले,
कंस का बन कर काल......
ये जब जन्मे थे श्री कृष्ण मुरार खुली बेड़ियाँ खुल गए द्वार,
मेरे प्रभु की माया अप्रम पार सो गए सारे पहरे दार,
अरे खुल गए सारे ताले,
कंस का बन कर काल..
वशुदेव चले नन्द द्वार यमुना ने लिए चरण पखार,
शेष नाग रक्षा करते बारिश बरसे मुश्लाधार,
किये कृष्णा नन्द के हवाले,
कंस का बन कर काल...
गोकुल में है ख़ुशी अपार पलना में झूले पालनहार,
मात यशोदा मुस्काये बार बार ले नजर उतार,
सब नाचे गोपी ग्वाले,
कंस का बन कर काल...
कंश की चाल हुई नाकाम घबराया सुन श्याम का नाम,
विक्की मिट गया कंस का नाम मारी पूतना असुर तमाम,
कंस का बन कर काल