मैं वृन्दावन आई काहना होली खेलन सावरिया
मैं वृन्दावन आई...
देख अकेली मैं ना आई,
संग लायी हूँ गोपी गुजरिया,
मैं वृन्दावन आई...
सर पे धर मैं मटकी लायी
रंग लायी हूँ भर के केसरिया
मैं वृन्दावन आई...
लाल गुलाल मलो गालन पे
रंग डारो है कारी कमरिया
मैं वृन्दावन आई...
दादा कहे शोभा बरनी न जाये
नयन कलम है आगरिया
मैं वृन्दावन आई...