आवाज़ की दुनिये से चले दूर कही दूर चले,
चाँद सितारों से दूर बड़े दूर चले,
आवाज़ की दुनिये से चले दूर कही दूर चले,
याहा देह का दुनिया का कोई बाण नहीं है,
कोई गम नहीं हलचल नहीं तूफ़ान नहीं है,
बड़ी शान से खुशियों से घर भरपुर हो निकले,
आवाज़ की दुनिये से चले दूर कही दूर चले,
वहा ना कोई समय की सीमा रिश्तो का ना कोई बंधन,
बड़ी सलोनी थी मधुर शांति है ये समजे जाने हमारा ही मन,
सभी शक्तियां अंदरिये सुख खजाने हमे मिले.
आवाज़ की दुनिये से चले दूर कही दूर चले,