क्या जरूरत उसे पूजा और पाठ की,
सेवा करता है जो अपने माँ बाप की,
उसको ईश्वर की किरपा मिलती सदा,
जो बना हर ख़ुशी अपने माँ बाप की,
क्या जरूरत उसे पूजा और पाठ की,
अपना हर गम और चिंता प्रभु पर छोड़ो,
बृद्ध माँ की दिल से सेवा करो सिर का हर भोज लेता प्रभु आप की,
जो बना हर ख़ुशी अपने माँ बाप की,
क्या जरूरत उसे पूजा और पाठ की,
जन्म जिसने दिया तेरा ईश्वर वही,
कृष्ण कहते हो भगवन है माँ बाप ही,
फल मिलता वही जो है युग जाप की,
जो बना हर ख़ुशी अपने माँ बाप की,
क्या जरूरत उसे पूजा और पाठ की,
माँ के चरणों में सिर को झुका दो दिए,
नो ग्रहो ने तत शन किरपा कर दिए,
चिंता रहती नहीं है किसी बात की,
जो बना हर ख़ुशी अपने माँ बाप की,
क्या जरूरत उसे पूजा और पाठ की,