हर घड़ी हर पल तेरा साथ चाहिए,
दिन हो या हो रात मुलाकात चाहिए,
हर घड़ी हर पल............
तुम सागर हो साथी तो फिर क्या बात है,
हो जाती सारी पूरी मन की मुराद है,
मन की मुराद है.......
मन को मनमोहन का साथ चाहिए,
दिन हो या हो रात मुलाकात चाहिए,
हर घड़ी हर पल...........
मनमोहन को साथ खुशियां सौगात है,
दूल्हे के पीछे ही सारी बारात है,
सारी बारात है........
बाराती को दूल्हे का साथ चाहिए,
दिन हो या हो रात मुलाकात चाहिए,
हर घड़ी हर पल.......
मिला है मुझको साथ तेरा जो हाथ है,
आज मेरी खुशी का यही तो राज है,
यही तो राज है.........
टीकम को तुम सा हमराज चाहिए,
दिन हो या हो रात मुलाकात चाहिए,
हर घड़ी हर पल ............
गायक जयकुमार दीवाना मुंबई
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