रंग ल्याई रंग ल्याई माँ के मन बहाई,
राजनी सुरंगी मेहँदी रंग लाइ,
मइया थारे हाथ रचावण घनी राचणी मेहँदी लाया,
इ मेहँदी ने थारे हाथ धने प्रेम से के मन वाया,
गुलवाई गुलवाई मेहँदी गुलवाई,
राजनी सुरंगी मेहँदी रंग लाइ,
मइया थारे हाथा माहि घनी राचणी मेहँदी लागे,
थारे हाथा की मेहँदी माँ धनी सुहानी म्हणे लगे,
मंदवाई मंदवाई राचणी सुरंगी मेहँदी रंग लाइ,
इह मेहँदी ने सभी सुहागन भागन हाथ रचावे मइया,
या अनमोल सुहाग निशानी सबके मंडे भावे मइया,
मन बहाई मेहँदी मन बहाई राजनी सुरंगी मेहँदी रंग लाइ,
एह मेहँदी की शता निराली दो नैनो में धनी सुहावे ,
दास रवि बोले मेहँदी ने आख्या माहरी निरख्या जावे,
रच आई रच आई मेहँदी रच आई राजनी सुरंगी मेहँदी रंग लाइ,