भावना की ज्योत को जगा कर देख ले
बोलती है मूर्ति बुलाके देखले,
सो वार चाहे आजमाके देख ले,
बोलती है मूर्ति बुलाके देखले,
करोगे यो सवाल तो जवाब मिलेगा,
यहाँ पुण्य पाप सबका हिसाब मिलेगा,
भले बुरे सब को ही जानती है वो,
खरी खोटी सबकी पहचानती है वो,
श्रद्धा से सिर को जुका के देख ले,
बोलती है मूर्ति बुलाके देखले,
छाया में है छुपी जो बैठी धुप में ,
मैया का होता दर्शन किसी भी रूप में
होगा हर जगह एहसास उसका ,
तेरे विश्वास में निवास उसका ,
जिस और नजरे घुमा के देख ले,
बोलती है मूर्ति बुलाके देखले,