म्हाने चिंता है क्या की पड़ी म्हारे पग पग में दादी खड़ी
म्हारी दादी की किरपा है बड़ी म्हारे पग पग पे दादी खड़ी
लाख काँटा कोई भी बिछावे होवे वो ही जो दादी जी चाहवे,
म्हारे खातिर माँ हर दम लडी
म्हारे पग पग पे दादी खड़ी
म्हारे धन को न घर में तोडा म्हारो अनसु भरोडो है कोठो
रवे हर दम तिजोरी भरी म्हारे पग पग पे दादी खड़ी
चाहे कितनी ही आंधी सतावे चाहे पत झड़ माँ पता सुखावे,
म्हारी बगिया ने रखे हरी म्हारे पग पग पे दादी खड़ी
हर्ष था सु माँ इतना ही चाहवा हाथ सिर पे मैं थारो माँ पावा
राखे मोह्पे नजर हर घड़ी म्हारे पग पग पे दादी खड़ी