चलो लेके चलें बाबा की पालकी,
मिल के कहते जाए जय साई की,
जय साई की जय साई की,
जग मग जग मग ज्योत जलाओ.
सच्चे मन से साई जी का ध्यान लगाओ,
लो भभूति जरा माथे से लगाओ,
साई महिमा गाओ कह के जय साई की,
पालकी साई जी की मिल के सजाओ,
श्रद्धा और सबुरी को मन में वसाओं,
करते सब पे दया मेरे बाबा सदा,
मिल के सारे बोलो जय साई की,
गूंज रहे हर तरफ जय जय कारे,
मंदिर में भज रहे है ढोल नगाड़े,
जो भी आया यह सब के काज सवारे,
दरपे शीश झुकाओ कह के जय साई की,