जप मन साई राम तू

अब तो सम्बल जा मुड मति तू छोड़ के सब जन जाल,
आज नही तो कल मरना है सिर पे बेठा काल,
जप मन साईं राम तू कर मन साईं श्याम तू ,

जन्म अन्मोल्ख जिसने दिया है उसको भूल क्यों बेठा,
धन जोबन को मान के सब कुछ क्यों द्फ्लत में बेठा,
शं भंगुर है रिश्ते नाते जन जोरू धनवान,
कोई ना रख पाए गा तुझको क्यों बेठा ब्रहम पाल,
जप मन साईं राम तू कर मन साईं श्याम तू ,

जिस तन पर तू गर्व करे है मिटी हो जाना है,
धन दोलत का एक दिन का भी साथ नही जाना है,
ध्यान लगा कर सुन अज्ञानी समय टोकता काल,
अपने कर्म को निर्मल करले सीधी करले चाल,
जप मन साईं राम तू कर मन साईं श्याम तू ,

एक एक पल का लेखा बंदे तुझे पड़े गा देना,
जो सुख की चाहत है तुझको अंतर की सुध लेना,
जिसकी रजा में सब चलते है धरा गगन पातळ,
हर्ष भूल के सबको पल भर जान ले अपना हाल,
जप मन साईं राम तू कर मन साईं श्याम तू ,
श्रेणी
download bhajan lyrics (852 downloads)