लाल गुलाल है लाल सुमन
लाल गुलाल है लाल सुमन
ले माँ लाल डलरिया
लाल है चुनरी, लाल है चूड़ी
लाल है माँ की अचरिया
लाल रंग माँ तेरा शृंगार है
नौ रूपों में माँ तेरा अवतार है
चमके है कीर्ति मेहरावालिये
शेरावालिये…!
लाल चुनरिया… हाय
लाल लाल चुनरी, लाल चूड़ी
गोरे हाथों में सुहाय रे
लाल चुनरिया… हाय… लाल चुनरिया
लाल गुलाल है लाल सुमन
लाल गुलाल है लाल सुमन
ले माँ लाल डलरिया
लाल है चुनरी, लाल है चूड़ी
लाल है माँ की अचरिया
सागर से गहरा है माँ तेरा प्यार
ममता बहे माँ के अचरा से
शृंगार सुन्दर सुहागन पे
महर तेरी बरसे बदरा से
हाँ चूड़ी नथिया पुष्प कहार…
हाँ चूड़ी नथिया पुष्प कहार
माँ का करे सोलह शृंगार
सोहे है तुझपे सुन्दर लाल चुनरिया
लाल चुनरिया… हाय
लाल लाल चुनरी, लाल चूड़ी
गोरे हाथों में सुहाय रे
लाल चुनरिया… हाय… लाल चुनरिया
साँझ सबेरा तेरे चौखट पे
मेरा बसेरा तेरी चौखट पे
दुनिया का फेरा तेरे चौखट पे
इस दर से जायें कहाँ
प्रीत तेरी माँ बस गयी मुझमे
मैं पगली हाँ खो गयी तुझमें
कारे बदरा जब छाए
लहराए तेरी चुनरिया
लाल चुनरिया… हाय
लाल लाल चुनरी, लाल चूड़ी
गोरे हाथों में सुहाय रे
लाल चुनरिया… हाय… लाल चुनरिया
लाल गुलाल है लाल सुमन
लाल गुलाल है लाल सुमन
ले माँ लाल डलरिया
लाल है चुनरी, लाल है चूड़ी
लाल है माँ की अचरिया....-2