राधे राधे नाम मुखो बोल के चलो वृन्दावन चलिये,
दर बांके बिहारी जी दा मलिये चलो वृन्दावन चलिये,
इस बांके न किस ने बनाया है,
स्वामी हरिदासी इस न प्रगटाया है,
इस बांके तो जाके बलिहारी चलो वृन्दावन चलिये,
दर बांके बिहारी जी दा मलिये चलो वृन्दावन चलिये,
एह बांकी बिहारी बड़ा प्यारा है,
एह्दे रूप दा दीवाना जग सारा है,
एह्दे दर्श ने जग तो न्यारे चलो वृन्दावन चलिये,
दर बांके बिहारी जी दा मलिये चलो वृन्दावन चलिये,
इस बांके दे जलवे कमाल ने मेले लगदे रंगीले सारा साल ने,
श्यामा कुंड बिहारी बड़े प्यारे चलो वृन्दावन चलिये,
दर बांके बिहारी जी दा मलिये चलो वृन्दावन चलिये,
एथे दर ते रंग रस वसदे ढोल वजदे ते राशिक ने नच्दे,
पाए गूंज दे मधुप जय कारे चलो वृन्दावन चलिये,
दर बांके बिहारी जी दा मलिये चलो वृन्दावन चलिये,