खोल दे दरवजा श्याम तन्नै मिलन नै आयी सै,
बाहर लिकड़ के देख श्याम तेरी मीरा बाई सै.....
देसी घी बादाम गेर के लायी रोट मै,
आजा जिमले हटादेनै पर्दे की ओट नै,
भर भर थाल या छप्पन भोग जिमावण आयी सै,
बाहर लिकड़ के देख श्याम तेरी मीरा बाई सै......
आज मिलण ना आया तो तेरे दर पै मरजांगी,
लागजया कलंक तेरै बदनाम मैं करज्यागी,
नही मिटती तेरे प्यार की जो तन्नै राड़ जगाई सै,
बाहर लिकड़ के देख श्याम तेरी मीरा बाई सै......
गोकुल नगरी अदा तेरी तै सुण अनजान थी,
लीला देख तेरी कान्हा माँ भी परेशान थी,
दुख मेरे भी मेट या तन्नै सुणावन आयी सै,
बाहर लिकड़ के देख श्याम तेरी मीरा बाई सै.....