चल साईं के दवार साईं भाग्यबिदाता उसकी महिमा अप्रमपार,
नैना मेरे भर आये साईं की याद सताए,
दुनिया जिसे ठुकराए साईं गले से लगाए,
हम भी तेरी शोहरत सुन के बाबा तेरी शिर्डी में आये,
साईं दुनिया से कहते है कारवा,
कल जो कुछ भी हुआ है,
उसका अलग ही मजा है,
जो साईं चाहते है वो ही आज हुआ है,
तकलीफों में जीना सीखो यही महोबत का मजा है,
चल आ चल आ साथ मेरे........
पत्थर रो पड़ता है दुःख से क्यों डरता है,
साईं सबका दाता अच्छा ही करता है,
दुनिया उसको भूल न पाए जो रब पे मरता है,
चल आ चल आ साथ मेरे........