सांई मस्त मलंगा

सांई मस्त मलंगा,
मन साई रंग रंग रंगा,
सांई मस्त मलंगा....

घर घर जा कर अलख जगाये मन को अंदर तलक जगाये,
जो खुद आकर प्यास भुजाये ऐसी है ये गंगा,
सांई मस्त मलंगा.....

मंदिर मसिजद और गुरूद्वारे इक दाता के घर है सारे,
फिर काहे का झगड़ा प्यारे क्या फसाद दंगा,
सांई मस्त मलंगा.....

साई के सब से याराने सब के संग निभाना जाने,
सब को देता पानी दानी क्या माडा क्या चंगा,
सांई मस्त मलंगा.....

श्रेणी
download bhajan lyrics (841 downloads)