नच लियो भइयाँ नच लियो अम्बे माँ के द्वार भइयाँ,
पग की बेड़ी टूट जात है टूटे सब ज़ंजीरें,
कट ती है सब भव भादाये रोग दोश की पीडे,
रक्त शुद्ध हो जाए पल में दिल में रहे ना भार,
नच लियो भइयाँ नच लियो अम्बे माँ के द्वार भइयाँ,
तन मन को चैतन्य बनाये नच वो हो गुण कारी,
भूख बड़े सब हस्त पुष्ट हो आये न कोई बीमारी.
स्वाँसे दमा सब झग से जाए आने ना पाए भुखार,
नच लियो भइयाँ नच लियो अम्बे माँ के द्वार भइयाँ,
जय माता दी मुख से बोलो साथ भजाओ ताली,
किस्मत की रेखाएं बनती दूर होये कंगाली,
चमक जाए किस्मत का ताला सुख मितला अपार,
नच लियो भइयाँ नच लियो अम्बे माँ के द्वार भइयाँ,
जब नचतये भक्तो को देख है जगदमबा वरदानी,
रिद्धि सीधी सुख सम्पति देती जय जय मात भवानी,
दीपे दास पे नाम करे माँ तुम को बरम बार,
नच लियो भइयाँ नच लियो अम्बे माँ के द्वार भइयाँ,