आरती युगल वर की कीजे

आरती युगल वर की कीजै।
आरती युगल कुञ्ज की कीजै।

नवल मनोहर झांकी प्यारी
मृदुल भाव कुञ्ज की क्यारी।

दर्शन करि मन न्यौछावर कीजै।


आरती युगलजोरि की कीजै।

अटकत मटकत अंखिया प्यारी
भावमय जय युगलकुंजबिहारी

लटकती मटकती बलेय्या लीजै।

आरती युगलरूप की कीजै।

भानुदुलारी श्री नन्दमुरारि रसमय
चितवन भावत प्यारी

बलखाती सखी नृत्य कीजै।

आरती युगलजोरि की कीजै।

गलबहियां डारत सखी अनुपम
मोरमुकुट चन्द्रिका अति रूपम

भावदर्शनामृत धार खूब पीजै।

आरती युगल किशोर की कीजै।


चवर डुलावत अष्टसखिया प्यारी
सेवा करत सब मञ्जरी न्यारी

भावभरी कुञ्जसखी रूप लीजै।

आरती मृदुलकिशोर की कीजै।

जय जय बरसाने वारी
ह्रदय बिराजत श्री गरीब बिहारी

सखियन जनम सफल अब कीजै।

आरती युगलकुंज की कीजै।

अपनों भाव अर्पण कर दीजै।

कुञ्ज में सखी दर्शन कीजै।

भागवताचार्य●अंकुरनारायण दुबे ,,प्रतीक दुबे
  【श्रीधाम वृंदावन~इंदौर】

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