जबसे नैन मिले गिरधर से,
अकल गयी बौराए,
देख में तुझको हुआ बावरा,
बिन देखे मोहे चैन ना आए,
प्यास दरस की आखौं में,
चौखट पे रात बिताऊं,
रोज मिलन होता है स्वपन में,
कैसे ये सबको बताऊँ....
ओ मेरे प्यारे बांके बिहारी,
बस तेरे ही गुण गाऊँ,
मेरा रोम रोम तेरे नाम से महके,
मैं कृष्णमई हो जाऊँ….
कृष्ण की दीवानी राधा,
लगा प्रेम का रोग,
छोड़ के सब तेरा नाम रटू मैं,
मिलने की है होड़,
कृष्णमई हो जाऊं कान्हा,
इस संसार में,
अकल मेरी बौराई कान्हा,
तोहरे प्यार में……
पीले पीले वस्त्र तेरे,
पाँव मे पेजनिया,
मोर मुकुट साजे,
बड़ी निक लागे अखियाँ,
बांसुरी कमर पे बंधे,
श्याम रंग लाल का,
चोरी चोरी माखन खाए,
मारो गोपाल हाँ…..
ओ मेरे मन मे बसने वाले हो,
मेरे मन मे बसने वाले,
मेरे प्यारे कृष्ण कन्हैया,
उनका भी बेड़ा पार करो,
जिनकी है डूब गई नैय्या,
ओ मेरे प्यारे बांके बिहारी,
बस तेरे ही गुण गाऊँ,
मेरा रोम रोम तेरे नाम से महके,
मैं कृष्णमई हो जाऊँ…….
मैं पागल जग की रीत मे,
अपना भला समझ ना पाई,
तेरे प्रेम में सब कुछ वार दिया,
अब तुम ना करना पराई,
सौभाग्या हू जो तेरी भक्त बनी,
तेरी कृपा की दृष्टी है पाई,
तुम क्षण पल मेरे साथ रहे,
कैसी भी विपदा हो आई,
चरणों से मुझको लगा लो,
ओ प्यारे नंद के लाला,
इस जीवन का उद्धार करो,
ओ कृष्णा ओ गोपाला,
ओ मेरे प्यारे बांके बिहारी,
बस तेरे ही गुण गाऊँ,
मेरा रोम रोम तेरे नाम से महके,
मैं कृष्णमई हो जाऊँ,
हरे कृष्ण हरे कृष्ण,
कृष्ण कृष्ण हरे हरे,
हरे राम हरे राम,
राम राम हरे हरे….