कांटो से भरी बगियाँ फूलो से सवारी है,
जैसा भी हो हर पल मुझ पर बलिहारी है,
इस पुरे जगत में माँ मेरी सबसे निराली है,
कांटो से भरी बगियाँ फूलो से सवारी है,
खुद सो कर के भूखा भर पेट खिलाती है,
पी कर के हर आंसू हर दम मुस्काती है,
हालत हो ऐसा भी मुझपर इतलाती है,
इस पुरे जगत में माँ मेरी सबसे निराली है,
कांटो से भरी बगियाँ फूलो से सवारी है
हर एक मुसीबत से लड़ना सिखलाती है,
खुद को अकेले में अक्सर बहलाती है,
गम की परछाई को खुद गले लगती है,
इस पुरे जगत में माँ मेरी सबसे निराली है,
कांटो से भरी बगियाँ फूलो से सवारी है,
जब तक है साया तेरा हर रोज दिवाली है,
तेरे आँचल की छाया करती रखवाली है,
भगवान की धरती पर चेतन तू निशानी है,
इस पुरे जगत में माँ मेरी सबसे निराली है,
कांटो से भरी बगियाँ फूलो से सवारी है,