मैली चादर ओड के कैसे द्वार तुम्हारे आउ,
हे पावन परमेशवर मेरे मन मन ही मन मुश्काउ,
मैली चादर ओड के कैसे द्वार तुम्हारे आउ,
तूने मुझको जग में भेजा निर्मल देकर काया,
आकर इस संसार में मैंने इस को दाग लगाया,
जन्म जन्म की मैली चादर कैसे दाग छुड़ाउ,
मैली चादर ओड के कैसे द्वार तुम्हारे आउ,
निर्मल वाणी पाकर तुझसे नाम तेरा गाउ,
नैन मूंद कर हे परमेशवर तेरा ध्यान लगाउ,
तुझको इतना पुजू सतगुरु मैं तुझसा हो जाऊ,
मैली चादर ओड के कैसे द्वार तुम्हारे आउ,