अपने नाम की ज्योत जगा दे

अपने नाम की ज्योत जगा दे जो कभी मन से भुजने ना पाए,
जिस हाल से माँ मैं गुजरू,बस भरोसा माँ घटने न पाए,
अपने नाम की ज्योत जगा दे.....

वक़्त का ना कोई है ठिकाना ये बना दे या पल में मिटा दे,
लाख कोशिश करे कोई मइयां ये अकल और नीयत को डिगा दे,
ऐसी नौबत में तेरी छवि को दिल बिठा के माँ गिरने ना पाए,
अपने नाम की ज्योत जगा दे......

झरे झरे में तुम हो वसी माँ तेरी ताकत की तान नई है,
जबतक चाहे ना तू शारदे माँ तेरी मिलती बिरह नहीं है,
हो इबादत माँ जीवन में ऐसी,
जो चले दिल से रुकने ना पाए,
अपने नाम की ज्योत जगा दे

जो भी आया हमे मजहूल है,
क्यों की चाहत गुरु मगरूर है,
जिसपे छाया तेरी महीयर वाली,
ऐसा बिरला इनसे माँ दूर है,
तू है नुरो की नूर मेरे नूर पे,
काले बादल टिकने ना पाए,
अपने नाम की ज्योत जगा दे

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