कण कण में है मईया
कण, कण में है मईया,
हर, क्षण में है मईया ॥
तूने, दुनियाँ रचाई, मेरी मईया है,
तूने, पार लगाई, सबकी नईया है ॥
कण, कण में है मईया, हर, क्षण में है...
जैसे, वेदों में पुराण, वैसे, गीता में है ज्ञान ॥
हर, सांस में, समाई मेरी मईया है,
तूने, पार लगाई, सबकी नईया है ॥
कण, कण में है मईया, हर, क्षण में है...
जैसे, राधा में है श्याम, वैसे, हनुमत में है राम ॥
सारे, भगतों में, समाई मेरी मईया है,
तूने, पार लगाई, सबकी नईया है ॥
कण, कण में है मईया, हर, क्षण में है...
जैसे, तारों बीच चंदा, वैसे, नदियों बीच गंगा ॥
लहरों, लहरों में, समाई मेरी मईया है,
तूने, पार लगाई, सबकी नईया है ॥
कण, कण में है मईया, हर, क्षण में है...
जैसे, फूलों में है रंग, वैसे, कलियों में सुगंध ॥
पत्ते, पत्ते में, समाई मेरी मईया है,
तूने, पार लगाई, सबकी नईया है ॥
कण, कण में है मईया, हर, क्षण में है...
अपलोडर- अनिलरामूर्तीभोपाल