गुरु नानक फड़ लई बांह जी हूँ डर काहदा,
साढ़े सिर ते गुरा दी छाँह जी हूँ डर काहदा,
हर पासे ने खुशिया खेड़े,
सतगुरु आये गरीबा वेहड़े,
मैं बलहारे जावा, जी हूँ डर काहदा....
गुरुनानक जी कर्म कमाया,
भुलैया ताहि रस्ते पाया,
दसया असल गुरुआ जी हूँ डर काहदा.......
ऐसा नाम रंगन विच रंगिया,
सो मिल्या जो मुहो मंगियां,
जरा न किती ना जी हूँ डर काहदा.......
सच लिखिया दिल भाग लिखारी,
गुरु मख हसे ओह्दी खेड़ निराली,
जो वसदा हर था, जी हूँ डर काहदा....