ओ मैया प्यारी़,
ओ आये तेरे दर हम,
ओ गाये तेरे भजन ,
ओ निसदिन तुझे पुकारे मन हो,
तेरी ही आँगन में बचपन खेला,
खिलती गयी जिंदगानी,
तुने सब कुछ दे दिया, कैसे करूँ शुक्रिया,
अब दे दो तू अपनी दर्शन हो,
ओ मै़या प्यारी,
ओ आये तेरे दर हम,
ओ गाये तेरे भजन ,
ओ निसदिन तुझे पुकारे मन हो,
एक अभागन बनी सुहागन,
तेरे ही दर पे आके,
एक भक्त पुकारे आज,
सुनके उनकी पुकार,
ले लो अपनी तु उनको शरण हो,
ओ मै़या प्यारी,
ओ आये तेरे दर हम,
ओ गाये तेरे भजन ,
ओ निसदिन तुझे पुकारे मन हो,
भक्तों ने तेरे दर आ गया है,
तेरे ही दरश पाने को,
दरश दे दो ओ माता,
तुझसे कहता ये बेटा,
तरसे तेरे दरस को नयन हो,
ओ मै़या प्यारी,
ओ आये तेरे दर हम,
ओ गाये तेरे भजन ,
ओ निसदिन तुझे पुकारे मन हो ,
जय माता दी
रचना- प्रभाकर कुमार
माँ काली मंदिर , मालवीया नगर, सोहजाना
गिद्वौर जमुई