रंग दे ललारिया रंग वे मेरी चुनर रंग दे,
चुनर विच मैं सितारे जड़ाये ने,
नाम लिखाया गिरधर वे ,
मेरी चुनर . . .
बनी बैरागी पल्ला फड़या,
रंग मैनु ऐसा इसदा चढ़या,
नाम लिखाया श्यामल वे,
मेरी चुनर . . . .
लोक लाज छड्ड जोगन होई,
मीरा वांग मस्ती विच खोयी,
श्याम आया अंग संग वे ,
मेरी चुनर. . . .
कुञ्ज बिहारी गौतम (वृन्दावन)