बन ठन के बेठियो है यो देखो माहरो सांवरो

बन ठन के बेठियो है यो देखो माहरो सांवरो,

हीरा मोती खूब लगाया बाबो अज्ज़ब निरालो,
सोना चांदी खूब सजाया मुकट थारो मत वालो,
केसरियो साफों बाबा ने पेहरो घूमर वालो.
होठां की लाली मत वाली पान बनारस वालो.
बन ठन के बेठियो है यो देखो माहरो सांवरो,

केसर चन्दन तिलक लगाए माथे  बाबा खाटू वालो,
गजरो थारो खूब सजो है बाबा फूलो वालो,
ऊपर से है इत्र छिड़के बाबा खुशबू वालो,
नखरो माहरे श्याम धनि को दुनिया से निरालो,
बन ठन के बेठियो है यो देखो माहरो सांवरो,

जो सूंदर रूप न देखो श्याम धनी के जैसो,
ना लिख पाउ शोभा माहरो श्याम धनि है कैसे,
सागर साँची बात बताऊ यो मुखड़ा मने भावे,
श्याम धनी सा कोई जगत में सोनू नजर ना आवे,
बन ठन के बेठियो है यो देखो माहरो सांवरो,
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