म्हारे कालजे री कोर प्यारा प्यारा चितचोर
हमारी नैनो सु नैन मिला ले रे ,
बाबा कुछ महासु बतला ले रे,
म्हारे कालजे री कोर प्यारा प्यारा चितचोर
थारी किरपा सु सेठ संवारा थारे द्वारे आया
रोम रोम हर्शायो माहरो थारा दर्शन पाया ,
केसों प्यारो शिंगार लेवो नजर उतार,
कोई नजर न आज लगा दे रे,
शाना कुछ माह्सू बत्लाले रे,
रंग बिरंगा गजरा थारी शोभा और बडावे,
माथे मुकट गले में कंठी केसर तिलक लगावे
भगता बोले जय जय कार गुंजियो श्याम दरबार
बाबा थोड़ी सी पलक उठा ले रे,
शाना कुछ माह्सू बत्लाले रे,
आज तो थारी मुख मंडल री आबा लागे न्यारे
नजर न ठेहरे आज रूप पर जावा वारी वारी
करा थारो गुण गान देदो चरना में अस्थान,
म्हारे जन्मा री प्यास बुजा दे
शाना कुछ माह्सू बत्लाले रे,
सुन सुन बाता प्रेम धरे म्हारो बाबो फूल जावे
प्रेम बरी नजरा सो देख मिठो सो मुसकावे,
उठी उठी जो हिलोर नाचे मनडा रो मोर
नंदू मस्ती लो रंग बरसा दे रे ,
शाना कुछ माह्सू बत्लाले रे,