बिन मांगे मुझे सब कुछ दिए जा रहा,
मेरे आंसू भी खुद ये पीये जा रहा,
ऐसा दानी नहीं कोई संसार में,
जब वो दिल के फेरे खुद सिये जा रहा,
बिन मांगे मुझे सब कुछ दिए जा रहा,
मेरे जीवन में जब जब भी संकट पड़ा,
सिर पे हाथ धरे समाने खुद खड़ा,
इसकी मस्ती का जाम ये जिसने पिया,
काम सब के ये खुद ही किये जा रहा,
बिन मांगे मुझे सब कुछ दिए जा रहा,
इसकी बांकी बांकी सी जो अदा,
जब से दिल ये हमारा इसी पे फ़िदा,
सँवारे की सूरत सलोनी सजे देख कर रूप मैं तो दिए जा रहा,
बिन मांगे मुझे सब कुछ दिए जा रहा,
किस तरह शुक्रिया श्याम तेरा कहु,
सदा भजनो को तेरे मुख से कहु,
डूबने जब लगे श्याम कश्ती मेरी,
आके खुद ये किनारा दिए जा रहा,
बिन मांगे मुझे सब कुछ दिए जा रहा,