मेरे दुश्मन यहीं ये,मेरी उलझन है ये,
बड़ा तरसाती है, ये खिड़की,
खिड़की ये खिड़की,
ये खिड़की जो बंद रहती है,
श्याम खिड़की जो बंद रहती है।
श्याम संसार में, खाटू दरबार में श्याम दर्शन,
श्याम दर्शन की जंग रहती है,
ये खिड़की जो बंद रहती है,
श्याम खिड़की जो बंद रहती है।
भक्तों का रैला निकलता यहाँ,
फागुन का मेला है लगता यहाँ,
श्याम से कोई ना अनजान है,
कलयुग का ये ही तो भगवान है,
पाने को दर्शन को श्री श्याम के,
खाटू गलियाँ भी तंग रहती है,
श्याम खिड़की,
ये खिड़की जो बंद रहती है,
श्याम खिड़की जो बंद रहती है।
गम की घटाएं भी छंट जायेगी,
उदासी भी सारी ये हट जायेगी,
मन में श्याम का ध्यान धरे,
सारी बालाएं सिमट जाएंगी,
इक रोज खुल जाएंगी टूट के ये,
तीन बाणों को कौन सहती है,
श्याम खिड़की,
ये खिड़की जो बंद रहती है,
श्याम खिड़की जो बंद रहती है।
आता है बाबा ख़्वाबों में रोज,
बुलाता है बाबा ईशारों में रोज़,
सब को पता है मेरा श्याम धणी,
आएगा कीर्तन जयकारों में रोज,
तेरे दरबार में, तेरे दर्शन को बाबा,
मेरी अखियां रोज बहती हैं,
श्याम खिड़की,
ये खिड़की जो बंद रहती है,
श्याम खिड़की जो बंद रहती है।
ये खिड़की जो बंद रहती है,
श्याम खिड़की जो बंद रहती है।