अम्बे रानी माँ वैष्णो रानी माँ दाती वरदानी,
भक्तो को देती प्यार जी,
जो भी आये दवारे भर देती भंडार जी,
ऊंचे भवनों में तीनो रूप विराजे,
सब को दर्शन देती माँ,
मन की मुरादे सबकी पूरी है करती,
झोलियाँ भर देती माँ,
वैष्णो मैया पिंडी रानी दाती माँ वर्धनी,
भगतो को माँ दर्श दिखती माँ प्यार लुटाती,
लगाती भव से पार जी जो भी आये द्वारे भर देती भण्डार जी,
अम्बे रानी माँ वैष्णो रानी माँ दाती वरदानी भक्तो को देती प्यार
श्री धर की मैया रानी लाज बचाई,
भंडारा खिलवाया है,
पापी धरो ने उत्पात मचाया उसको मार गिराया है,
पापियों को मैया मारे भक्त जनो को तारे,
तेरे द्वारे भक्त तेरे आते माँ आस जगाते लगाते जय जय कार जी,
जो भी आये द्वारे भर देती भण्डार जी,
अम्बे रानी माँ वैष्णो रानी माँ दाती वरदानी भक्तो को देती प्यार
कटरा से चल के बाण गंगा जो जाते,
माँ की किरपा पाते है अर्धकवारी फिर सांझी शट से माँ का पहला दर्शन पाते है,
ध्वजा नारियल जो भी लाये श्रदा से चढ़ाये,
इन चरणों से प्यार वो पाते पाप मिट जाते,
भागो के खुलते द्वार जी,जो भी आये द्वार भर देती भण्डार जी,
अम्बे रानी माँ वैष्णो रानी माँ दाती वरदानी भक्तो को देती प्यार