हनुमत के गुण गाते चलो प्रेम की शरदा वहाते चलो 
राह में आये जो कोई दुखी किरपा सभी पे बहाते चलो 
प्रेम की श्रधा बहाते चलो 
सारी दुनिया ने ठुकराया द्वार पे अर्जी लगाया 
चारो और अँधेरा छाया तब मैंने तुझको बुलाया 
आशा के दीप जलाते चलो 
किरपा सभी पे बहाते चलो 
प्रेम की श्रधा बहाते चलो 
भगतो के हो तुम प्रतिपाला संकट मोचन वाला 
गल वैजयन्ती माला सुन्दर लाल लंगोटे वाला 
सारे जग में है तेरा ही नाम 
किरपा सभी पे बहाते चलो 
प्रेम की श्रधा बहाते चलो 
चारो और है सिर्फ निराशा केवल तेरा ही आशा 
मैंने जब जब तुझको पुकारा तेरा शरण ही सहारा 
ध्यान लगा के रटते चलो 
किरपा सभी पे बहाते चलो 
प्रेम की श्रधा बहाते चलो