मेरी जिंदगी संवर जाए अगर तुम मिलने आ जाओ,
तम्मना फिर मचल जाए अगर तुम मिलने आ जाओ,
झलक ते आंख के आंसू कही बेकार न हो जाये,
चरण छु कर बने मोती अगर तुम मिलने आ जाओ,
तम्मना फिर मचल जाए अगर तुम मिलने आ जाओ,
कर्म से बन गया पत्थर नही है रूप मेरा कोई,
कलि के से सवर जाऊ अगर तुम मिलने आ जाओ,
तम्मना फिर मचल जाए अगर तुम मिलने आ जाओ,
भटकता रहता हु दर दर तेरे दीदार के खातिर,
भटकना जो कोई चाहे अगर तुम मिलने आ जाओ,
तम्मना फिर मचल जाए अगर तुम मिलने आ जाओ,
जगत ने सीना झपटा है मुझे यु बाँट डाला है,
सिमट कर एक हो जाऊ अगर तुम मिलने आ जाओ,
तम्मना फिर मचल जाए अगर तुम मिलने आ जाओ,