साई साई मैं जपु सुबहो शाम,साई लागे सबसे महान,
साई राज दुलारा साई सबका प्यारा,
मन मोरा लागे शरण में तेरा,
साई की नैनं है सूरज और चंदा,
साई की चरण में पावन गंगा,
हाथ पे लिखदे भाग्ये विधाता कही और न जाऊ मैं शरण छोड़ तेरा,
साई राज दुलारा साई सबका प्यारा,
मन मोरा लागे शरण में तेरा,
साई थाम जाऊ मैं छोड़ मेरी नगरी,
कही खो न जाऊ नजर रखना हमारी,
ये जग छूटा बंधन टुटा शिरडी में बस जाऊ मैं जग छोड़ सारा,
साई राज दुलारा साई सबका प्यारा,
मन मोरा लागे शरण में तेरा,