मोला साई मेरे अल्ल्हा साई मेरे,
जागो रे जागो रे साई जागो रे,
ऐसे क्यों सो रहा है,
जरा देख उठा के नजर सारा शिरडी नगर रो रहा है,
ऐसे क्यों सो रहा है,
हर आंख से आंसू बरस रहे चेहरों पे उदासी छाई है,
अब जागो समाधि से साई क्यों इतनी देर लगाई है,
मत और रुला दिल न तड़पा जागो रे जागो रे,
ऐसे क्यों सो रहा है,
पानी से दिए जगाने वाले आशा के दीप भुजाना ना,
साई नाथ है नाथ अनाथो के हम सबको अनाथ बनाना न,
हे रेहम खुदा साई कर वे खुदा जागो रे जागो रे साई,
ऐसे क्यों सो रहा है,
मौला हम से मुखड़ा मोड़ो ना तुम बच्चो का दिल तोड़ो न,
पल पल खुशियां देने वाले मझधार में हम को छोड़ो न,
साई सुन लो दुआ अब करके दया,
जागो रे जागो रे साई जागो रे,
ऐसे क्यों सो रहा है,
जागो हे शंकर अवतारी मेरे दीं दयाला उपकारी,
साई नाथ मसीहा गरीबो के तुझे देख पुकारे नर नारी,
दिल डोल रहे साई बोल रहे जागो रे जागो रे साई
ऐसे क्यों सो रहा है,