जैसे सूरज निकलता है पुरब दिशा से,

जैसे सूरज निकलता है पुरब दिशा से,
वैसे साई मेरे साथ साथ चलता है,
जैसे चन्दा चमकता है तारों के साथ,
वैसे साई मेरे साथ साथ चलता है,

इन हवाओ में साईं की खुशबू है,
इन नजरो में साईं का जादू है,
जैसे फूलो की बगियाँ महक ती है रोज,
वैसे साईं मेरे साथ साथ खिलता है,
जैसे चन्दा चमकता है तारों के साथ,
वैसे साई मेरे साथ साथ चलता है,

हर कदम मुझको थमे है राहो में डूबती नही मैं आहो में,
जैसे पतवार होती है नैया की साथी,
वैसे साईं मेरे साथ साथ धुलता है,
जैसे चन्दा चमकता है तारों के साथ,
वैसे साई मेरे साथ साथ चलता है,

साईं के नाम की मैं दीवानी हु,
क्या हुआ है जो सब से बेगानी हु,
जैसे धुप में साया रहे छाव का,
वैसे साईं मेरे साथ साथ रहता है,
जैसे चन्दा चमकता है तारों के साथ,
वैसे साई मेरे साथ साथ चलता है,

आसमा पे ज़मीन पे वो कं कं में,
वो वसा है हमारे ही तन मन में,
जैसा चलता है बादल घटाओ के साथ,
वैसे साईं मेरे साथ साथ चलता है,
जैसे चन्दा चमकता है तारों के साथ,
वैसे साई मेरे साथ साथ चलता है,
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